क्या आपको छोटी छोटी बातों का टेंशन होता हैं?

क्या आपको भी छोटी छोटी बातें परेशान करती है ? क्या आपको स्ट्रेस होता है ? मुझे भी होता है , क्यूंकि यह स्वाभाविक है। फर्क यहाँ यह होता है कि हम उन बातों का किस हद तक अपने स्वास्थय और सेहत पर असर होने देते हैं ।

हम इतने लोगो से घिरे रहते है, परिवार के बिच रहते है जहा सबके स्वभाव अलग है, सबके देखने और समझने का नजरिया अलग है तो स्वाभाविक सी बात है कि दृष्टिकोण में भी फर्क होगा , मुसीबत वहा आती है जब कोई दूसरे के नज़रिये का मान नहीं रखता और उसे हानी पहुंचाने लगता है और यह सिर्फ घर परिवार में ही नहीं बल्कि दफ्तर और कॉलेज में भी लोगो के बिच होता है ।

आपसी मन मोटाव , गलत धारणाये, ईर्ष्या , अहंकार , क्रोध और बहुत सी चीज़े हम झेलते भी है और दुसरो को भी इसका हिंसा बना लेते है, तो क्या किया जाये कि यह रोज़ के छोटे मोटे टेंशन्स हम पर हावी न हो ।

कुछ आसान से टिप्स स्ट्रेस को दूर रखने के लिए

बात यह है की हम पूर्णतया तनाव/स्ट्रेस से कभी छुटकारा नहीं पा सकते । ज़िन्दगी है तो उलझने है, चुनौतियां है और चुनौतियों के साथ तनाव भर पुर मात्रा में हमारी ज़िन्दगी में घर करने लगता है और इतना ज़्यादा हावी होने लगता है की उस तनाव के आगे जो रोज़ हमे छोटी छोटी ख़ुशियाँ हासिल होती है हम उन्हें भो नज़रअंदाज़ करने लगते है और बस अपने दुखो का शोक मनाए जाते है ।

5 साधारण तरीके स्ट्रेस से निपटने के लिए

1.) स्ट्रेस को अपनाये

सुनने में अजीब लगा? पर हर स्ट्रेस बुरा नहीं होता, हम अधिकतर यह सोचते है की स्ट्रेस से छुटकारा कैसे पाया जा सकता है और उस उधेड़बुन में काफी बार ये देखना भूल जाते है की स्ट्रेस काफी बार हमारे लिए कुछ अच्छा भी कर जाता है , जिसे eustress कहते है, पॉजिटिव स्ट्रेस जो आपको कुछ अच्छा करने के लिए मजबूर करें ।

जैसे एग्जाम के पहले का स्ट्रेस, शादी के पहले का स्ट्रेस या फिर बंजी जंपिंग के पहले का स्ट्रेस और फिर आप अच्छा महसूस करने लगते है ।

2.) स्ट्रेस का स्ट्रेस न ले

काफी बार देखा जाता है की हमे किसी बात का स्ट्रेस तो होता ही है पर उसे साथ साथ हम वो स्ट्रेस हमें क्यों हो रहा है या फिर स्ट्रेस हो ही क्यों रहा इस बात का भी स्ट्रेस लेने लगते है । काफी लोगो को छोटी छोटी बातो की जब चिंता सताती है तो उन्हें कहने की आदत हो जाती है की यार ज़िन्दगी में बहुत स्ट्रेस है और इस तरह से हम अपने आस पास जो भी सकारात्मक ऊर्जा होती है उसे भी ख़तम करने लगते है ।

3.) टेंशन आना स्वाभाविक है उसे आंके नहीं

हम कितनी ही विपरीत परिस्थितियों में हो पर उन्हें झेलने के लिए तैयार नहीं हो पाते और जब यह तैयारी अधूरी रह जाती है तनाव और चिंता हमे घेर लेती है तो हम खुदको ही आंकने लग जाते है यह सोचकर की हम कमज़ोर है, हम इतना भी सेहेन नहीं कर पते और खुद के साथ ही सख्त होने लग जाते है। तनाव आना स्वाभाविक है तो खुद को यु सवालों से घेरने की जगह उनका हल ढूंढ़ने की कोशिश करे अपना रुख बदलें।

4.) खुलकर बात करें

हम जब भी परेशान होते है या तनाव महसूस करते है तब अंदर ही अंदर उससे जुझते है , हम किसी बात नहीं कर पाते क्यूंकि हमे लगता है की कोई हमारी परेशानी समझेगा नहीं, जो की सही भी है क्यूंकि हर कोई हमारी परेशानी समझे ये जरुरी नहीं पर हाँ अगर हमारे आस पास कोई ऐसा है जिससे बात करके मन हल्का महसूस हो तो जरूर कोशिश कीजिये ।

5.) कुछ तरीके अपनाये

मेरे लिए लिखना काम करता है, योग और ध्यान काम करता है। आपके लिए ? क्या कभी ध्यान दिया है की आपके मन को क्या करना भाता है, वो एक चीज़ क्या है जो आपको तनाव मुक्त करा देती है , वो ढूंढिए। जिस तरह से तनाव हर किसी पर अलग असर करता है वैसे ही सब के कोपिंग मैकेनिज्म यानि की सहन करने का तंत्र मंत्र भी अलग हो सकते है, तो उन्हें ढूंढिए और अपनाइये ।

ऊपर लिखी हर बात हम सब जानते है, कई जगहों पर पढ़ते है सुनते है पर फिर भी भूल जाते है तो इन्हे मेरी तरफ से रिमाइंडर की तरह लीजिये और अपनी ज़िन्दगी में अपनाइये ।

अपना और अपने आस पास के लोगो का ख्याल रखें, कोई सवाल या सुझाव हो तो निचे कमेंट बॉक्स में लिखे।

प्रियंका

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