फूलों का एक बिछावन

ना कहीं जाने की जल्दी ना कही पहूचने का विचार ना मुझे कोई ढूंढने वाला ना किसी को मेरा इंतज़ार आगे भी मैं पीछे भी मैं मानो फूलों का एक बिछावन हो और उसे देखते हुए मुस्कुराती सी मैं कुछ बिखरे हुए फूलों की सुंदरता और इनके बीच बिखरी सौंधी सी ख़ुशबू के भीतर की … Continue reading फूलों का एक बिछावन

सोशल मीडिया तमाशा – हिंदी कविता

सुनो सुनो ओ दुनियाँ वालों यह सोशल मीडिया नया तमाशा है गली नुक्कड़ की नौटंकियाँ बंद हुई तो क्या, इससे हमें बड़ी आशा है सुनो सुनो यहाँ हर रोज़ एक नया तमाशा है