अजब इक शोर सा बरपा है कहींकोई खामोश हो गया है कहीं...है कुछ ऐसा के जैसे ये सब कुछअब से पहले भी हो चुका है कहीं...जो यहाँ से कहीं न जाता थावो यहाँ से चला गया है कहीं...तुझ को क्या हो गया, के चीजों कोकहीं रखता है, ढूंढता है कहीं...तू मुझे ढूंढ़, मैं तुझे ढुंढूकोई … Continue reading अजब इक शोर सा बरपा है – Jaun Elia