दिए सा जलना तुम

इक दिया दहलीज़ पर रखा था मैंने कि तेज़ हवा का झोंका आया संग अपने इक पेगाम लाया पेगाम में इक तूफ़ान का अंदेशा था उस तूफ़ान के आगे मेरा दिया टिक ना पाया मैंने फिर अपनी दहलीज़ पर इक दिया लगाया मेरा आँगन फिर से ठीक उसी तरह जगमगाया पर ना जाने क्यूँ फिर … Continue reading दिए सा जलना तुम

कुछ पुराने पन्ने -कविताएं और दोहे

कुछ कविताएं और कुछ पुराणी कहावते खुद बा खुद संगीत की मधुर ध्वनि की तरह ज़ेहन में गुनगुनाने लगती है.जिनसे हमे ज़िन्दगी जीने का हौसला मिलता है

Do Lafz

Ishq ka fitoor kaif bana chala Tujhse marassim hu kuch is tarah  ki dil se taluq hi chuta sa hai.. Ranjishe hi ab to ishq ka qasid ban gayi ye to bas do lafz ki talash ne tujhse mukhatib kara diya   On a shayarana note Priyanka #VitualSiyahi