ज़िन्दगी मानों किसी मुफ़लिस की क़बा हो जैसे जिए जा रहे है किसी की मनकही बद्दुआ जैसे इस एक उम्र में न जाने कितनी ज़िंदगानी क़ैद है क्युकी मेरे कदम जब भी थरथराये मेरे वालिदा ने साँसे भरी है मुझमे ये प्रीत कभी परायी हो ही न सकी क्युकी यहाँ अपना न सका मुझे कोई … Continue reading नीली सियाही
kavita
मेरी हिंदी सी अंग्रेजी – कविता
मेरी हिंदी सी अंग्रेजी को सरहाने के लिए शुक्रिया मुझे एक लेख़क के से किरदार में अपनाने के लिए शुक्रिया लिखने को तो कई फलसफे लिखे नए -नए शब्दों से मैंने कई मायने भी सीखे.. दिल से ज़्यादा मैंने ज़ेहन की बाते की है ज़ेहन को भी तवज्जु देना जरुरी है दोस्तों.. बातों ही बातों … Continue reading मेरी हिंदी सी अंग्रेजी – कविता
कुछ पुराने पन्ने -कविताएं और दोहे
कुछ कविताएं और कुछ पुराणी कहावते खुद बा खुद संगीत की मधुर ध्वनि की तरह ज़ेहन में गुनगुनाने लगती है.जिनसे हमे ज़िन्दगी जीने का हौसला मिलता है
Main kaun hu
Ek chahat bhara nagma kisi ke rooh ka sukun kisi ka sapna kisiki khwahish kisika gurur kisike dil ka surur to kisike aankho ka noor kisiki aankh ki kirkiri to kisike man ko chubta kanta kahi koi mujh jaisa banna chahe to kahi kisi ko mera uns bhi ek pal nahi bhata mere nazmo mein … Continue reading Main kaun hu