ना कहीं जाने की जल्दी
ना कही पहूचने का विचार
ना मुझे कोई ढूंढने वाला
ना किसी को मेरा इंतज़ार
आगे भी मैं
पीछे भी मैं
मानो फूलों का एक बिछावन हो
और उसे देखते हुए मुस्कुराती सी मैं
कुछ बिखरे हुए फूलों की सुंदरता
और इनके बीच बिखरी सौंधी सी ख़ुशबू के भीतर की मैं
इक वीरान सी सड़क के किसी कोने में
टहनी पर लदे हुए फूलों के गुच्छों के रंगो सी मैं
ना कहीं जाने की जल्दी
ना कही पहुंचने का विचार
आगे भी मैं
पीछे भी मैं
-प्रियंका
