मेरी हिंदी सी अंग्रेजी को सरहाने के लिए शुक्रिया
मुझे एक लेख़क के से किरदार में अपनाने के लिए शुक्रिया
लिखने को तो कई फलसफे लिखे
नए -नए शब्दों से मैंने कई मायने भी सीखे..
दिल से ज़्यादा मैंने ज़ेहन की बाते की है
ज़ेहन को भी तवज्जु देना जरुरी है दोस्तों..
बातों ही बातों में मैंने कई बार आपसे मुलाकातें की है
कुछ ज़ार हो लिए
कुछ बेज़ार हो लिए
कुछ दोस्तों की गिनती काम हुई
तो कुछ खैर -अंदेश दो से चार हो लिए
लिखते लिखते सिख रही हु इंसानो को पढ़ने का हुनर
किसीने कहा है चेहरों पर किताबों से ज़्यादा लिखा होता हैं..
इसी क़ोशिश में रोज़ क़लम उठती हु की
बहुत कुछ लिखना बाक़ी हैं , मेरी कहानी का एहम पहलु बनना बाक़ी हैं
और थमना क्यों हैं जब खुद ज़िंदगानी भी अभी बाक़ी हैं
–प्रियंका ©
That’s great idea indeed.It’s better to write in different languages.You can divide the week into three parts ,one day English ,the next day In Hindi and on another day in Marathi depending on your thoughts .Thanks a lot for sharing.
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Thank you 🙂
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Most welcome.🌹🙏
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बहुत ही अच्छी रचना है, 👍🙂
कोरोना व लॉक-डाउन पर मैंने कुछ लिखने की कोशिश की है,
आशा है आपको पढ़ कर निराशा नहीं होगी।कृपया एक बार अवश्य पढ़ें
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Dhanyawad. jarur 🙂
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